
इस मौके पर सद्भावना मंच के सचिव डा इत्तेहाद आलम ने सभी को ईद की शुभकामनाएं देते हुए ईद और रमजान की अहमियत बताई और कहा की रमजान का रोजा हमे ईश्वर का बंदा होने का एहसास कराता है रमजान के महीने में रोजा रखना एक इबादत की तरह होता है, जो अल्लाह के प्रति व्यक्ति की भावना को दर्शाता है.
इसके माध्यम से लोग अल्लाह को उन चीजों के लिए शुक्रिया कहते हैं जो उन्हें दी हैं रमजान में रोजा रखना आत्म-अनुशासन और आत्म-नियंत्रण की भी पहचान है. इसमें व्यक्ति अपनी भौतिक इच्छाओं को त्यागकर अपने आध्यात्मिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना सीखता है.
इस महीने की सबसे खास बात ये है कि इसमें अपनी जमा पूंजी से जकात निकली जाती है इससे गरीब और मसलूमो की मदद की जाती है कर्ज़ दार का कर्ज़ चुकाने में और बेरोजगारों को रोज़गार करने में और गरीबों की शिक्षा पर खर्च की जाती है । और रमजान के रोज़ा रखने की खुशी में ईश्वर की ओर से दिया हुआ तोहफा है ईद ।
ये दिन खुशी मानने और खुशियां बांटने का दिन है इस दिन अमीर गरीब में कोई फर्क नहीं रहता है सब एक दूसरे से गले मिलते है ।
इस के बाद एड अनवर आलम ने सभी को ईद की मुबारक बाद दी और अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस देश में दुर्भावना का माहौल नज़र आ रहा है ऐसे में सद्भावना मंच का ऐसे कार्यक्रम करना बहुत सरहरनीय है ..
इसके बाद ईद मिलन कार्यक्रम में मौजूद सौरव सक्सेना जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ईद मोहब्बत का पैगाम पेश करता है और इस्लाम धर्म की सबसे खास बात ये है कि ये अमीर गरीब सब को समानता प्रदान करता है कोई उच्च नही है और कोई तुच्छ नही है।
इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद एड सतेन्द्र पाल सिंह,एड वसीम अंसारी, ज्ञान सिंह टंडन, महिपाल टंडन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए और सभी को ईद की मुबारक बाद दी ।
आखिर में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सद्भावना मंच के अध्यक्ष श्री अनिल यादव जी ने सभी को ईद की मुबारक बाद दी और कहा की उल-फितर का त्योहार खुशी, भाईचारे, सौहार्द और शांति का संदेश देता है.
उन्होंने कहा कि ईद मिलन की सबसे खास बात ये है को मुसलमानों में इतनी जातियां होने के बाद भी ईद मिलन सब साथ मिलकर मनाते हैं जबकि हिन्दू समाज में होली मिलन जातिय आधार पर होता है ।
कार्यक्रम के अंत में सद्भावना मंच के संचालक श्री सिराज अहमद ने आखिर में सभी को ईद की मुबारक बाद दी और कार्यक्रम में आने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया ।
प्रोग्राम को सफल बनाने में सुबोध यादव ,फैसल मालिक कुरैशी, खलीक अहमद, गौरव कुमार प्रजापति, इम्तियाज़ अहमद, मुहम्मद शादाब , मुस्लिम अंसारी, सलमान अब्बासी ,मुहम्मद सलमान, , आसिफ रियाज , हम्माद इम्तियाज़, रियाज़ अहमद, डॉ फरहान, सरफराज अब्बासी आदि विशेष योगदान रहा ।